साजिद ने आज एक ड्राइवर को बुला लिया था। कम से कम आज तो वो गाड़ी में शान से बैठ कर जाना चाहता था। बड़े से बैठक कक्ष के बाहर बैठ कर इंतजार करते हुए ड्राइवर ने पांच साल के छोटे से बच्चे को खेलते देखा तो उसे ही बुला कर उससे बात करने लगा। बच्चे के हाथ में प्लास्टिक की एक छोटी सी छिपकली लग रही थी और वो उसी से खेल रहा था। ड्राइवर भी अठारह- उन्नीस बरस का एक पढ़ा- लिखा सा लड़का था। बच्चे के हाथ में छिपकली देख कर डरने का नाटक करते हुए बोला-