टापुओं पर पिकनिक - 63

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आर्यन अगले दिन वापस लौट गया। महीनों बाद तो घर और दोस्तों के बीच आया था लेकिन इस बार सब कुछ उल्टा- पुल्टा हो गया। अथाह बेचैनी के बीच वह वापस लौटा।रात को आगोश ने उसे सब कुछ बता दिया था। बिल्कुल एक- एक बात सिलसिलेवार ढंग से जान कर कहीं न कहीं आर्यन ख़ुद अपने को भी दोषी पा रहा था।उसे लगता था कि उसे दोस्ती, लड़की, सेक्स, गर्भ और बच्चे जैसे संवेदनशील मामले को इतने हल्के में नहीं लेना चाहिए था। आधुनिकता परम्पराओं को रौंद कर फ़ेंक देने का नाम नहीं है।उसने अगर मधुरिमा को दोस्त बनाया था