मे और महाराज - ( हमला_२) 34

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सिराज समायरा को सीधा अपने कमरे में ले गया। उसने उसे वहा आराम करने की सलाह दी, और खुद अपने अध्ययन कक्ष में चला गया। वहा रिहान पहले से ही मौजुद था।" मेरे महाराज।" रिहान ने सर झुकाते हुए कहा। " तुम्हारे और हमारे मौजूद होने के बाद भी एक दिन में किया गया ये दूसरा हमला था। तुम्हे क्या लगता है, इतनी हिम्मत कौन कर सकता है ?" सिराज ने पूछा। " आप को अपने सवाल का जवाब पता है मेरे महाराज। कौन है, जो आठवें राजकुमार पर हमला कर आसानी ने से बच के निकल सकता है।" रिहान ने सर