ताश का आशियाना - भाग 10

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यहां रोज आते हो तुम? एक सवाल की शक्ल देखने के लिए सिद्धार्थ पीछे मुड़ा। सॉरी.. तुमने तो कोई गलती की ही नहीं। तड़ाक से जवाब आया। मैं तुम्हें यहां रोज देखती जब भी देखती हूं, तब लगता है यही के हो, लेकिन जिस तरह यहां की खूबसूरती में खो जाते हो, इससे लगता है की नए हो। सिद्धार्थ उस लड़की के इतने बातों के बावजूद एक शब्द भी बोल नहीं सका। गर्लफ्रेंड है तुम्हारी? सॉरी अरे फ़िरसे सॉरी! बिना गलती के सॉरी कभी नहीं बोलना चाहिए। नहीं... सिर्फ इतना जवाब सिद्धार्थ दे पाया। फिर ठीक है, Myself रागिनी भारद्वाज. भारद्वाज साडिस के मालिक की बेटी