हारा हुआ आदमी (भाग 39)

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"आप?"आवाज को सुनकार देवेन चोंका था।निशा उसकी पत्नी की मम्मी माया उसके बिस्तर में?न जाने कब वह उसके बिस्तर पर आ गयी थी।उसने कभी स्वप्न मे भी नही सोचा था कि एक दिन ऐसा भी हो सकता है।"आप। यहां इस वक़्त ---देवेन के मुह से आवाज नही निकल रही थी।""मुझे यहां देखकर इतना चोंका क्यो रहे हो?ऐसी क्या बात है?"माया ऐसे बोली थी,मानो यह बहुत साधारण बात हो।देवेन, माया को अपने बिस्तर पर देखकर घबराया लेकिन माया बिल्कुल विचलित नही हुई।वह सहज सरल स्वर में बोली,"मैं भी एक औरत हूं.""मैं कब इस बात से इनकार कर रहा हूं?""इनकार नही कर