फिर बाबा जी ने कहा कि ये जल उस जगह पर ले जाओ जहां पर ये महामारी हुआ था और सभी जगह छिड़काव कर देना पर इसी बच्ची से करवाना। मुक्ति मिलेगी और ये इस बच्ची के हाथों।।रमेश ने कहा ठीक है बाबा। बाबा बोले अभी बाहर बैठो। फिर सभी बाहर आकर एक जगह बैठ गए। अमित रमेश को बोला देखो किस्मत का फैसला जो अब भाभी जी से मिलायेगा। रमेश ने कहा मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है कैसे हम उर्मी को खोजेंगे। अमित ने कहा जैसे परी को ढूंढने निकले थे अब भाभी को भी ढुंढना