टेढी पगडंडियाँ - 17

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टेढी पगडंडियाँ 17 चन्न कौर हवेली के भीतर लौट चुकी थी । साथ ही उसकी नौकरानियाँ भी । बीङ तलाब से आये लोग भी अपने गाँव लौट गये थे । बङे सरदार अवतार सिंह ने जीप में बैठकर चाबी घुमायी और वह भी बाहर चल पङा । चलिए बीबीजी , सब चले गये , अब हम भी चलें घेर में – बसंत ने पास आकर दोबारा उसे पुकारा तो वह मोहाविष्ट सी चुपचाप उसके पीछे चल पङी । रास्ते भर किरण चुप रही । गुमसुम । सिर झुकाए बसंत के पीछे चलती रही । उसका दिमाग सुन्न