भगवान शिव सर्वत्र हैं. जहाँ भी हम जाते हैं वहां शिवलिंग के दर्शन हो ही जाते हैं. शिव के सभी लिंगों की कुल संख्या की गणना नहीं की जा सकती है। पृथ्वी शिवलिंग से भरा पड़ाहै। लगता है कि यह ब्रह्मांड ही शिवलिंग के समान है. सभी तीर्थ शिवलिंग से भरे हुए हैं। अतः यह संसार ही शिव के ऊपर निर्भर है. उनकी कोई निश्चित संख्या नहीं है। जो कुछ भी देखा जाता है, देखा जा सकता है, वर्णित या याद किया जा सकता है, वह शिव स्वरुप है। भगवान महादेव के बगैर किसी बात की कल्पना नहीं कर