भाग 29 ''आयी हैं, देखो न! कुछ तबीयत खराब हो गयी है। जी मितला रहा है।'' और उसने बाथरूम की ओर इशारा कर दिया। सुधा बाथरूम में बगल में लोटा रखे सिर झुकाये बैठी थी-''देखो! देखती हो?'' कैलाश बोला, ''देखो, कपूर आ गया।'' सुधा ने देखा और मुश्किल से हाथ जोड़ पायी होगी कि उसे मितली आ गयी...कैलाश दौड़ा और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा और चन्दर से बोला-''पंखा लाओ!'' चन्दर हतप्रभ था। उसके मन ने सपना देखा था...सुधा सितारों की तरह जगमगा रही होगी और अपनी रोशनी की बाँहों में चन्दर के प्राणों को सुला देगी। जादूगरनी की