सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा। - 3 - अंतिम भाग

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तुम्हें सासू माँ से ऐसा नहीं कहना चाहिए था ! आखिर क्या जरूरत थी तुम्हें बोलने की ? वो तो मुझे सुना रही थीं और मैं सुन रही थी फिर तुम क्यों बोले ? "यार रचना तुम भी कमाल करती हो। आज तक जब मैं कभी नहीं बोलता था तो तुम कहती थी कि तुम कभी कुछ बोलते नहीं हो और आज जब मैं कुछ बोला हूँ तो तुम कह रही हो कि बोला क्यों ? हद्द है यार !", दीपक नें चिढ़े हुए स्वर में अपनी पत्नी रचना को जवाब दिया ! "दीपक तुम जाने दो ! तुम नहीं समझोगे