मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय 31 अब स्याही और सोंफ की पुङिया बनाने का काम बंद हो गया था पर टाफियों पर रैपर लपेटने काकाम बदस्तूर जारी था । कढाई के काम में मैंने महारत हासिल करली थी । कुछ कढाई मैंने पहले ही माँ से सीख ली थी बाकी मझली मामी ने सिखा दी । मामी की शेड इतनी खूबसूरत होती थी कि कोई यह न समझ पाता था कि कौन सा धागा कहाँ से शुरु होकर कहाँ खत्म हुआ । कई कई शेड के गुलाबी धागे लेकर वह गुलाब के फूल काढती कि देखने वाला