पहले कदम का उजाला - 11

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स्वाद टिफिन सेंटर*** दो टिफ़िन से शुरू हुआ मेरा काम धीरे-धीरे बढ़ता गया। काम बढ़ने के साथ घर में पैसा आया तो बहुत सारी बुराइयों पर ताले लग गए। मैंने भी हर दिन एक नया सबक सीखा। कोई ग्राहक पैसा समय से दे जाता है। कोई बाद में दे देता पर शांति से सब निबट जाता है। किसी की पैसा देने कि नियत ही न हो तो वो खाने में कमी निकालेगा या कुछ भी ऐसा करेगा जिससे पैसे कम हो जाये या देने ही न पड़े। हर हाल में सब कुछ मुझे ही सम्हालना पड़ता था। मेरी परेशानी मेरे