रोली की बीमारी*** जब रोली बारह साल की थी तब एक बार उसे बुख़ार आया। तब अंकल-आंटी विदेश यात्रा पर गये हुए थे। मेरे पति ने दो-तीन दिन तक तो मेडिकल वाले से ही दवाई ला कर दी थी। रोली को बहुत तेज़ बुख़ार आता था, जो पानी की पट्टी रखने से भी नहीं उतरता था। अपने बच्चे के लिए कोई पिता कितना लापरवाह हो सकता है। यह देखकर जी करता जोर -जोर से चीख़ कर सबको बताऊँ कि एक पिता या दादी अपने बच्चे के प्रति कितने लापरवाह हैं। ऐसा तो हम अनजान के साथ भी नहीं कर सकते