एक नौजवान युवक ने अपने जीवन यापन हेतु बड़े उत्साह के साथ एक व्यापार की शुरुआत की, परंतु दुर्भाग्यवश कुछ ही समय में किसी बड़े घाटे की वजह से उसका व्यापार बंदी की कगार पर पहुंच गया।व्यापार की बंदी नौजवान के उदासी का कारण बन गई और काफी समय बीत जाने पर भी उसने कोई और काम नहीं शुरू किया। युवक की इस परेशानी का पता उसके गुरुजन को भी लगा, जो पहले कभी उसे पढ़ा चुके थे। उन्होंने एक दिन युवक को अपने घर बुलाया और पूछा, “क्या बात है आज-कल तुम बहुत परेशान रहते हो और कोई व्यापार