"अरे भाई आज कोई उठेगा भी या नहीं ? अरे ! सूरज देखो कहाँ चढ़ गया है और आज तो मेरा बेटा बेचारा बिना कुछ खाए पिए ही ऑफिस चला गया और तो और मेरा पोता भी बेचारा खुद ही ब्रेड और जैम लेकर स्कूल चला गया" , केतकी जी ने अपनी कड़कती हुई आवाज में कहा और उन्होंने एक साथ कई बर्तन भी पटके जिसकी आवाज से रचना हड़बड़ा कर नींद से जाग गई और फुर्ती से दौड़ कर अपने कमरे से बाहर निकल कर , सॉरी सासू माँ बोलते हुए वॉशरूम के अंदर चली गई ! दरअसल रचना को