चित और तन यानी चिंतन

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शीर्षक : चित और तन= चिंतनशरीर और आत्मा जीवन के प्रारम्भिक से अंतिम अवस्था के मुख्य तत्व है, दोनों के बिना जीवन का अस्तित्व दुर्लभ होता है। स्वभाविक अवस्था से जीने वाले जीवन को आज दुनिया की गति के अनुसार जीना पड़ता है। पता नही यह उसकी खुशकिस्मती है या बदनसीबी, पर अंत में इस हकीकत को स्वीकार करके ही जीने का अंतिम मार्ग तय करना पड़ता है, कि वर्तमान को स्वीकार कर आगे बढ़े। इस सच्चाई को स्वीकार करने के अलावा मानव के पास आज दूसरा विकल्प भी नहीं है। परन्तु आत्मा ही जीवन का सच है, यही एक सत्य