नारी सम्मान

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अपमान मत करना नारियोंं का, इनके बल पर जग चलता है पुरूष जन्म लेकर तो इन्ही के गोद में पलता है आज हमारा देश गणतंत्र है, देश मे लिखित संविधान भी है, समस्त कार्य संविधान में संग्रहित नियमों के हिसाब से ही संचालित होता है। संविधान में समस्त नागरिको को विचार अभिव्यक्ति और अपने हिसाब से रहने की स्वतंत्रता है ,पर हमारे समाज में नारियों के लिए यह मान्यता नही है आज भी हमारे समाज में पितृसत्ता और घर का प्रमुख आदमी ही होता है। नारी समाज का अभिन्न अंग है, कहते हैं जिस स्थान पर नारी का सम्मान होता है वहा के वातावरण में