बद्री विशाल सबके हैं 2 कहानी स्वतंत्र कुमार सक्सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और कहानीकार हैं। उनकी कहानी जमीन से जुड़ी रहती हैं जो रोचक और विश्वसनीय भी होती हैं। भाषा पर उनका असाधारण अधिकार है। जनवादी चेतना से लैस उनकी कहानियां पाठक को भीतर से स्पर्श करती हैं। वेदराम प्रजापति वे दो दिन –तीन दिन में हरिद्धार पहुंचे वहां सब लोग रूके गंगा स्नान किया ,मंदिर घूमे, सबने अपनी- अपनी श्रद्धानुसार आवश्यक पूजा पाठ किया। डा.अहमद दम्पति वहां अपने एक मित्र डाक्टर साहब से मिलने गए साथ में डा.माथुर साहब