ये उन दिनों की बात है - 33

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फिर क्या था मैं तुरंत उससे मिलने को मचल उठी | इसलिए तुरंत नीचे उतर आई और फिर आईने के सामने जाकर अपने कपड़े और बाल ठीक करने लगी चूँकि सागर मेरे घर नहीं आ सकता था क्योंकि उसके पास कोई वजह भी नहीं थी लेकिन मैं उससे मिलने जा सकती थी क्योंकि हम दोनों बहनें कई बार दादी के यहाँ चले जाया करते थे | फिर एक बार खुद को आईने में देखा तो कुछ अजीब सा लगा मुझे और कदम वहीं ठिठक कर रह गए | तब की बात और थी, तब मैं छोटी थी और सागर भी नहीं