अवधूत बाबा गौरी शंकर के किस्से 6 रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 ई. मेल. tiwariramgopal5@gmail.com बाबा की सौम्य मुद्राः बाबा की मुद्रा प्रायः सौम्य ही रहती थी। उनके मुखमण्डल पर एक दिव्यतेज की आभासी प्रतीत होती थी। अंग्रेजी भाषा में एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि ‘‘चेहरा मनुष्य के विचारों का सूचक होताहै’’। सहज ही में समझा जा सकता है कि जिसका मन शान्त और स्थिर होगा उसका मुखमण्डल भी सौम्य और तेजोमय होगा। चित्त की शान्ति को