सास-बहू...एक रिश्ता उलझा सा। - 1

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ओफ्फो! चीकू बेटा हर जगह तुमने ये अपना सामान बिखेरकर रखा हुआ है। अरे बेटा कम से कम अपनी किताब निकालते समय तो थोड़ा ध्यान दिया करो। पता है, सुबह से तीसरी बार मैं ये तुम्हारी बुक शैल्फ ठीक कर रही हूँ। प्लीज़ बेटा थोड़ा सा ध्यान रख लिया करो न और वैसे भी कल से मैं ये सब...कहते-कहते न जाने किस सोच में डूब गई रचना!! ये लो भाई जो-जो तुमनें मंगवाया था, मैं वो सबकुछ ले आया हूँ बाजार से! अब बस तुम्हारा केक बनाने का सामान बचा है जो मैं शाम को जब अनुराग की किताबें लेने