पंडित जी की , सुनयना जी से कही बात , अब सच हो चुकी थी । कायरा आरव के जीवन में , अब पूर्णतः शामिल हो चुकी थी , एक अहम हिस्सा बनकर । ऐसा नहीं है , कि ये दोनों एक दूसरे के जीवन में , पहले शामिल नहीं थे । थे...., दोनों ही शामिल थे...., पर न के बराबर । क्योंकि अभी से पहले तक , दोनों ही साथ होकर भी दूर थे , दोस्त होकर भी अजनबी से थे । निगाहों में उमड़ते प्यार के बाद भी , दोनों मुक्कमल प्यार से कोषों दूर थे । पर