रुमानियत को सेलिब्रेट करने के लिए मौकों से ज़्यादा बहाने की ज़रूरत होती है इसलिए प्यार में पड़े हुए योगियों को योग्य दिन नहीं, बस ऐसे बहानों की ज़रूरत होती है जहाँ दो जिस्म एक जां हो जाए और बेपर्दा जिस्म की गर्मी से रूह भी इश्क़ से तर-ब-तर हो जाए। अब ऐसे में समर्थ और अनन्या को मौका और बहाना अच्छा मिला था। कुछ महीनों में करीब आने के बाद अनन्या का जन्मदिन भी था और समर्थ इस मौके को ख़ास भी बनाना चाहता था। इश्क़ जब नया-नया हो तो आशिक़ वो हर चीज़ करना चाहता है जो किसी