दूरी न रहे कोई ( पार्ट 2 )

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"ओ हो"राजन चाबी लेते हुए बोला,"चाबी वहां रह गई थी और मैं जेब मे ढूंढ रहा था।"राजन कार में बैठते हुए बोला,"आप भी आइए।"और इला कार में आ बैठी।इला के बैठते ही राजन ने कार स्टार्ट कर दी।"तुम्हारा घर कहाँ है?""इतने बड़े महानगर में मेरी जैसी गरीब औरत की कहाँ औकात है कि घर खरीद सकूं।""फिर रहती कहाँ हो?"राजन ने कार चलाते हुए एक नज़र उस पर डाली थी।"इसी बार मे रात काट लेती हूँ।""मतलब अकेली हो मुम्बई में?""हां।""माता पिता?""मेरी माँ वेश्या थी।एक आदमी के प्रेम के चक्कर मे पड़कर मेरा जन्म हुआ था।उस आदमी ने मेरी मां से शादी