समय परिवर्तनशील है। बदलते समय के साथ ही समाज की आवश्यकताएं मान्यताएं और विचारधाराएं भी परिवर्तित हो जाती है। जीवन की प्रत्येक वस्तु एवं परिस्थिति को मानव नए परिवेश के संदर्भ में देखना और समझना चाहता है और ऐसा करना उचित भी है तभी वह विकास के पथ पर अग्रेषित हो सकता है। इस प्रकार की नई सोच एवं नवीन चिंतन के कारण हमारी विचारधारा के अनुसार ही हमारी भाषा के विभिन्न शब्दों के अर्थों में भी परिवर्तन होना स्वाभाविक है। एक शब्द के उदाहरण द्वारा उसको समझा जा सकता है जैसे कुशल शब्द का शाब्दिक अर्थ है संस्कृत में