जोर जुलुम की टक्कर में....

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ट्रेन ठीक ग्यारह बजे आती थी । फटेहाल देहाती से दिखते मजबूत लोगों के एक जत्थे ने स्टेशन पर प्रवेश किया । इसके पांचेक मिनिट बाद दूसरा जत्था भीतर आया, फिर रेला सा लग गया । दस मिनिट में ही दर्जनों जत्थे और उनमें शामिल हजारों लोगों से प्लेटफार्म ठसाठस भर गया और यहाँ से वहाँ तक सिर ही सिर दिखाई देने लगे । वे लोग अपने एक नेता के आदेश पर सक्रिय थे,उनका वह नेता युवा था और इस वक्त गहरी नीली शर्ट पहने था । एक-एक करके वे सब जमीन पर अपना गमछा बिछा के बैठने लगे