पवित्र रिश्ता... भाग-५

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ये दौलत भी ले लो , ये शोहरत भी ले लो भले छीन लो , मुझसे मेरी जवानी .... जगजीत सिंह जी की इस गज़ल को सुनते हुए आज एक बार फिर हिमांशु अपनी स्टडी-टेबल के सहारे लगी हुई चेयर पर बैठकर अपनी किसी किताब के पन्ने पलट रहा था लेकिन आज उसके घर की खिड़की बंद थी और उसका ध्यान आज बस अपनी किताब के पन्नों तक ही सीमित था तभी उसकी बहन गरिमा का फोन आ गया । भाई, तू कबसे यहाँ नहीं आया । कल तेरे जीजा जी भी तुझे याद कर रहे थे । किसी दिन