शकीला ने जब विश्वनाथ की सच्चाई सुनी तो उसके होश उड़ गए,उसने कहा... वहशी,दरिन्दा इसलिए फूल सी बच्ची से बदला लेना चाहता था,इतने सितम किए इस नन्ही सी जान पर,मुझे नहीं मालूम था कि वो इतना गिरा हुआ इन्सान है नहीं तो मैं कभी भी उसका साथ नहीं देती, कोई बात नहीं बहनजी! जो आपसे हुआ वो अन्जाने मे हुआ,धर्मवीर बोला।। लेकिन अब मैं किसी भी कीमत पर उसका साथ नहीं दूँगी,कितने दुख सहे हैं मेरी बच्ची ने ,अब और नहीं,शकीला बोली।। लेकिन बहनजी! आपकी वज़ह से ही तो हमारी बेटी को ममता की छाँव नसीब हो पाई,गिरधारीलाल जी