बाबा महाकाल अंदर आए तो देखा कि सुभाष सामने की दीवार पर किसी तस्वीर की तरह लटका हुआ था, उसके शरीर पर घाव थे, महाकाल बाबा ने अपनी आंखें बंद कर ली और मंत्र पढ़ना शुरू किए, मंत्र पढ़ते ही कमरे में तूफ़ान सा आने लगा, सुभाष जोर-जोर से ताली बजाने लगा, माँजी उसका ये भयानक रूप देखकर डर कर बेहोश हों गईं | बाबा ने अपने हाथ में कुछ भभूत निकाली और सुभाष के शरीर पर लगा दी, भभूत के लगते सुभाष फर्श पर गिर पड़ा और तड़पने सा लगा कुछ देर बाद कमरे में शांति छा गई |