परिवार, सुख का आकार - (भाग 4) - संयुक्त परिवार- फिर वक्त की जरुरत

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आज का युग, साधारण आदमी के लिए कोई मायना नहीं रखता। शिष्टता की जगह विशिष्टता का महत्व बढ़ गया है। समय अपनी गति के साथ रंग बदलता रहता है, यह आदमी की मजबूरी है, कि समय के अनुरुप वो अपनी जीवन शैली को परिवर्तित करता रहे। पहले एक सीधा सादा आदमी अपना जीवन सही नैतिकता के आधार पर चला सकता था, उसके गुण उसे इज्जत की रोटी के लिए भटकने नहीं देते थे। इतिहास के कई पन्नों में हमें बहुत सी ऐसी घटनाओं का जिक्र मिलेगा, जहां इंसान को अपनी सच्चाई और ईमानदारी के कारण उच्च श्रेणियों की जिम्मेदारियां मिली, और