मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय 28 “ फिर उसने जंगल में जाकर पुकारा माँ “ ? हाँ , पुकारा न । अगले दिन मोहन ने जंगल में पहुँचते ही पुकारा – गोपाल भैया । कोई उत्तर नहीं मिला । उसने फिर पुकारा । मोहन लगातार गोपाल को पुकारता रहा । पेङ पौधे भी उसके साथ पुकारते – गोपाल भइया । पुकारते पुकारते उसका गला सूख गया तो भगवान प्रकट हुए । भाई मैं गाय चराने दूर निकल गया था । अभी किसी ने बताया कि तुम पुकार रहे हो तो दौङा चला आया । चलो तुम्हें पाठशाला पहुँचा