हर्ष की ख्वाईश का आज पहला दिन है और आज हर्ष पंछी के साथ होगा शायद इसी खुशी में इसे नींद भी नही आ रही थी रात में उठ उठ कर टाइम चेक कर रहा था कि कहि सुबह तो नही हो गयी उसे सुबह का बेसब्री से इंतज़ार था और उधर पंछी की नींद ही पूरी नहीं हो रही थी सुबह हो गयी थी लेकिन उसकी नींद ही नही उड़ रही थी तभी वहा झील आती है और उसे जगाते हुए कहती हैं - पंछी , उठो सुबह हो गयी है तुम्हारे कॉलेज का टाइम हो गया है पंछी -