विकी बैचेन होकर इधर उधर घूम रहा था । वह बालकनी में से बाहर देख रहा था । हवाओ की लहरे मानो उसकी बैचैनी समझ रही थी । आधी रात हो चुकी थी लेकिन विकी के मन तो शांति नहीं थी । उसके दिल में अजीब सी बैचैनी हो रही थी। बीयर पीते हुए इसके मन में लाखो सवाल उथल पुथल कर रहे थे । वह चाह कर भी उससे रोक नही सकता था । दसवां बीयर का कैन साइड में रखते हुए । वह एक और कैन ढूंढता है लेकिन वह खाली था । विकी फिर जो भी नशीला