परिवार, सुख का आकार (भाग 3) - उन्नत्ति की सीढ़ी

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परिवार भाग 3 ( उन्नत्ति की सीढ़ी )आज जो सँसार का स्वरुप है, उसकी उन्नति में परिवार की भूमिका को नकारना सहज नहीं है। यह विडम्बना आज के स्वरुप की होगी कि आनेवाले समय में सबकुछ होते हुए भी परिवार में, अटूट स्नेह और प्रेम नहीं होगा, अगर हालात इसी गलत दिशा की तरफ मुड़ रहे है, तो निसन्देह मानवता को अपने अस्तित्व के प्रति गंभीर चिंतन की जरुरत है । समय के तीन भाग होते है, यह हम सभी जानते है, वर्तमान, भूतकाल और भविष्य और शायद इनका निर्माण भी बड़ी शालीनता से इंसान को अपनी गलतियों को सुधारने और