जीवन ऊट पटाँगा - 9 - चिक्की की फ़्रॉक

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नीलम कुलश्रेष्ठ थाली में जमी बर्फ़ी पर जैसे ही उस ने चाकू चलाया, सारे घर में इलायची, भुने हुए खोए व पिसे हुए काजू की सुगंध ऐसे फैल गई जैसे उद्घोष कर रही हो कि दीवाली आ गई है । कितना ढेर सारा काम हो जाता है दीवाली से पहले, सारे घर के लिये रंगो का चुनाव करो। यदि किसी कमरे का रंग बदलवाना है तो मजदूरों के सिर पर खड़े रहो, पुराने रंग को खुरचवाने के लिये । यदि किसी कमरे का रंग बदलवा दिया तो उस के नये रंग के परदे तो खरीदे जायेंगे ही, साथ ही साथ