हंसना- गुण या दोष?

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हंसी के कई प्रकार होते हैं – अट्टहास, मुस्कुराना, खिलखिलाना, मंद मुस्कान आदि। सभी में मनोभाव अलग-अलग तरह के होते हैं। दांत निपोरकर हंसने वाली मुद्रा अलग होती है, वह एक प्रकार से शास्त्रीय हंसी की श्रेणी में आती है। हंसी कभी-कभी अराजक और आगे चलकर उच्छृंखल हो जाती है। वैसे एक प्रश्न हमेशा बच्चे पूछते रहते हैं – हंसना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक या हानिकारक है? ध्यान से देखने पर लगता है कि दोनों है। ईश्वर ने हर एक बात के दो पहलू बना दिए हैं। सभी का सम्यक उपयोग ठीक रहता है। ‘अत्यधिक’ होने से ही परेशानी होती