भोली "बधाई हो बाबूजी भोली बिटिया का ब्याह तय हो गया", नौकर रमेश ने ये कहते हुए आदर्श बाबू को उनकी बिटिया का रिश्ता पक्का होने की बधाई दी। आदर्श बाबू सुबह समाचार पत्र पढ़ते हुए हल्की नींद की झपकी ले रहे थे कि अचानक उस बधाई से आदर्श बाबू अचानक से तन्द्रा से बाहर आए और समाचार पत्र को नीचे करके बोले, "अरे रमेश, तुम! गाँव से कब लौटे। गाँव में सब कुशल मंगल तो है?" "बस बाबूजी आपकी और मालकिन की कृपा से सब कुशल मंगल है। आपने तो बताया नहीं, लेकिन मुझे पता चला अभी दो दिन