मेरी मिट्टी मेरा खेत - ( भाग - 5 ) - अंतिम भाग

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जगमोहन की बात सुनकर सभी हतप्रभ थे । वहां खड़े कुछ गांव वालों ने , जगमोहन की बात का समर्थन किया । क्योकि गांवों में आज भी , लड़की की इज्जत और दहेज एक समान ही होते हैं । दोनों को खानदान के और मुखिया के , इज्जत और स्वाभिमान से जोड़ा जाता है । माधुरी ये बात बहुत अच्छे से जानती थी , कि उसके पिता के लिए उनके खेत की जमीन , एक तरह से उनके बूंद - बूंद पसीने से कमाई पूंजी है । जिसे अगर उसके पिता ने खो दिया , तो ज़िन्दगी में कभी उसका