ये कहानी है एक किसान की , उसके संघर्ष की , उसके सब्र की और उसके इम्तिहानों की .…....। गांव से कुछ किलोमीटर की दूरी में पांच एकड़ का खेत था , जो कि रामलाल का था । खेत में बैठा रामलाल ,अपनी बेटी माधुरी के साथ दोपहर का खाना खा रहा था। खाने में कुछ खास तो नहीं था , सिर्फ कुछ सूखी रोटी और आम का अचार और साथ में दो प्याज और उसके साथ में नमक था । पर उसे भी वह और उसकी बेटी बड़े चाव से , आम के पेड़ के नीचे बैठे खा रहे