अगले एक घण्टे में हरिओम जी लोकल थाने के इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह राठी के सम्मुख बैठे अपनी बेटी आरजू की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा रहे थे। पहले तो इंस्पेक्टर राठी ने गुमशुदगी के चौबीस घण्टे के अंदर ही पुलिस रिपोर्ट लिखने से इंकार कर दिया पर जब हरिओम जी ने उन्हें सारी स्थिति से वाकिफ कराया तो उन्हें मानना ही पड़ा की मामला सीरियस हो चला है अतः रिपोर्ट लिख ली गई। हरिओम ने इंस्पेक्टर को संजय के बारे में भी बताया। इसके पश्चात जब हरिओम जी ने इंस्पेक्टर राठी से