उस रात के बाद नियान को एक नजर देखना गन का शौक बन गया था। जब भी उसे वक्त मिलता वो उसके कॉलेज पोहोच जाता। या फिर उसके घर। दूर गाड़ी खड़ी रख बस नियान को ढूंढता। ऐसे ही हफ्ता बीत गया। अब गन का सब्र जवाब देने लगा था। पहले ही उसका खुद के गुस्से पर काबू नही था। ऐसे में बार बार सताने वाली नियान की याद उसे तड़पा रही थी। लड़को की लापरवाही आग में घी डालने का काम करती।" ज्यादा बिजी हो आज कल ?" गन के भाई डीटी ने उस से पूछा। " कुछ काम ना