भाग 13 'बैठो, अभी हम एक चीज दिखाएँगे। जरा गेसू से बात कर आएँ।' बिनती बड़े भोले स्वर में बोली, 'आइए, हसरत मियाँ।' और पल-भर में नन्हें-मुन्ने-से छह वर्ष के हसरत मियाँ तनजेब का कुरता और चूड़ीदार पायजामे पर पीले रेशम की जाकेट पहने कमरे में खरगोश की तरह उछल आये। 'आदाबर्ज।' बड़े तमीज से उन्होंने चन्दर को सलाम किया। चन्दर ने उसे गोद में उठाकर पास बिठा दिया। 'लो, हलुआ खाओ, हसरत!' हसरत ने सिर हिला दिया और बोला, 'गेसू ने कहा था, जाकर चन्दर भाई से हमारा आदाब कहना और कुछ खाना मत! हम खाएँगे नहीं।' चन्दर बोला,