नज़र - 4 - एक रहस्यमई रात

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"किसका फोन आया था मुग्धा को कि उसके चेहरे के हाव-भाव ही बदल गए थे? अब तो जब वह घर पर आए तभी पता चला।"- मन में यह सब सोचते हुए वीर वही मुग्धा का इंतजार कर रहा होता है। रात के लगभग 8:00 बज गए मगर अब तक ना मुग्धा का कोई कॉल आया ना वह खुद। अब तो गौरी आंटी और गुलशन अंकल को भी उसकी चिंता होने लगी थी। गौरी आंटी मुग्धा को बार-बार कॉल लगा रही थी मगर उसका फोन लगी नहीं रहा था। "वीर तुम हॉस्पिटल एक बार देखकर आओ शायद वहां गई