काहाणी शुरु करते हे राधा शिवमंदिर मे पडी होती हे तब बोहत हवा चलती हैं और बारीश भी होती हे तब नदी का पाणी शिवमंदिर मे आता हे तब वाहा पे एक बडा नाग आता हे और राधा को ले जाता है तब राधा शिवजी के चरणो मे होती हे तब उसे होश आता हे तब वो देखती हे तो क्या शिवजी सामणे हे तब राधा प्रणाम करती है तब शिवजी बोलते हैं राधा मे तुम्हे नइ जिंदगी दे रहा हो तब शिवजी उसे नया चेहरा और शक्ती या देते हे तब राधा बोलती हे शिवजी मे धन्य हो गइ