कजरी - 2

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अध्याय -2दीदी तूम्हे आज खाने को क्या मिला ' सात वर्षीय बिरजू ने अपनी बीस वर्षीय बहन कजरी से उत्साह से पूछा।'अरे मुझे तो आज खाने को रसमलाई मिली '। कजरी ने बिरजू को चिढ़ाते हुए कहा।'अम्मा मुझे भी रसमलाई खानी है'। बिरजू ने अपनी माँ से जिद करते हुए कहा,जो अभी - अभी उनके लिए खाना मांग कर लाई थी।'क्या?क्यों तू मुझे परेशान कर रहा,जा खेल ले जाकर '। बिरजू की माँ बिमला ने खिझते हुए कहा।'अरे लल्ला तुम मेरे पास आओ मैं तुम्हें लाकर् दूँगा रसमलाई'।बिरजू के बापू शंकर ने उसे प्यार से अपने पास बुलाते हुए कहा।'सच्ची