अर्पण--(अन्तिम भाग)

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देवनन्दिनी को सोफे पर बैठा देखकर बाहर से आते हुए रामू ने पूछा___ क्या हुआ दीदी!आप छोटी दीदी के कमरे में नहीं गईं।। अरे, नहीं रे! बहुत थकी थी, इसलिए सीढ़ियां चढ़ने का मन ना हुआ,तू ऐसा कर बबलू को मेरे पास छोड़ दें, मैं उससे बातें करतीं हूं,तू चाय चढ़ा दें और राज के कमरें से सुलक्षणा जी को बुलाकर ले आ , मैं उनसे यही नीचे मिल लूंगी,देवनन्दिनी बोली।। जी बहुत अच्छा, और इतना कहकर रामू ने किचन में जाकर चाय चढ़ाई और सुलक्षणा को बुलाने चला गया।। कुछ देर बाद सुलक्षणा और राज दोनों ही नीचे