उपन्यास भाग—२० दैहिक चाहत –२० आर. एन. सुनगरया, प्रत्येक शख्स, जब कोई यादगार उल्लेखनीय इवेन्ट का अवसर पाताख् है, तब वह उम्मीद,आशा, इच्छा, अकॉंक्षा आदि रखता है कि उसके हृदय के निकट, जितने भी चहेते हैं, अपने हैं, सम्बन्धित हैं, वे सब उसके उत्साह,