17 पता नहीं क्यों समिधा को उसके शब्द कुछ सहमे से हुए लगे, वह बिना कुछ उत्तर दिए चुपचाप बाहर की ओर चल पड़ी | जहाँ यह काफ़िला ठहरा हुआ था उसी बँगले के सामने एक नाला खोदा जा रहा था जहाँ दस/पंद्रह मज़दूर काम कर रहे थे | समिधा ने उन्हें पहले भी देखा था परंतु चाहते हुए भी अभी तक उनसे बात नहीं कर पाई थी | यदि किसी भी स्थान की वास्तविकता से अवगत होना हो तो वहाँ के पुराने निवासियों तथा निचले तबके के लोगों के पास जाना चाहिए | इनसे ही स्थान विशेष की संस्कृति