"चल जल्दी उठ!""सोने दो न माँ!"देख खुशी भी तैयार हो गयी, चल उठ जल्दी!""नहीं! जल्दी उठ...चर्च जाना है।"इस बार रहने दो न माँ, अगले हफ्ते चलूंगा।""नहीं! तू जल्दी कर, नहीं तो फादर इस बार फिर मुझे टोकेंगे की सोनू को अपने साथ क्यों नहीं लायी।"कोई बहाना लगा देना, कह देना उसकी तबियत खराब है।""चुप! ऐसी बात बोलना भी नहीं। अभी ज्यादा महीने भी नहीं हुए है, वो तो समय रहते फादर के पिलाये पवित्र जल, और उनके द्वारा की गयी प्रार्थना की बदौलत तेरी जान बची। फिर कभी ऐसा बहाना नहीं लगाना।"करीब छः महीने उड़ीसा के तट पर आये तूफान