"चाचाजी, नेहा के लिए, शादी के गहने मेरी तरफ से।""लेकिन बेटा, ये तो बहुत ज़्यादा है। तुम इतना बोझ अपने सिर पर मत लो, मैं कुछ न कुछ बन्दोबस्त कर लूंगा।"परन्तु, गनेश ने अपने चाचाजी की एक न सुनी और फिरसे ज़बरजस्ती करते हुए कहा,"लेकिन, वेकिन कुछ नही चाचाजी। नेहा मेरी भी तो छोटी बहन है। मेरा इमिटेशन आभूषण का व्यापार है तो क्या हुआ। मैं बहुत सारे अच्छे सुनार और हीरों के व्यापारी को जनता हु, बढ़िया दाम पर अच्छी चीज़ ले आऊंगा अपनी बहन के लिए। आप शादी की बाकी की तैयारियां करो, अब गहनों की जिम्मेदारी मेरी।"रामलाल